गणेश का अर्थ है गणों के ईश या गणों के अधिपति गणपति. गणेश जी को विघ्नेश्वर भी कहते हैं. वे हर प्रकार की विघ्न बाधाओं को दूर करते हैं. जिस प्रकार विष्णु वैकुण्ठ के अधिपति हैं, शंकर कैलाश के. गणेश पृथ्वी के अधिपति हैं. ऐसा माना जाता है कि गणेश पार्वती जी की उबटन से उत्पन्न हुए हैं, जो एक दिन माता पार्वती ने स्नान के पूर्व अपने शरीर से झड़ाया था. इस प्रकार देखा जा सकता है, गणेश जी को प्रमुख पांच तत्वों; जल, अग्नि, वायु, आकाश और पृथ्वी में से पृथ्वी तत्व की अधिकता है. आपने देखा होगा की पंडित, पुरोहित लोग पूजा के समय मूर्ति के अभाव में भीगी हुयी मिट्टी के पिंड को गणेश जी के रूप में रखकर पूजा करवाते हैं.
यह दृढ़ मान्यता है कि गणेश जी की कृपा के बिना पृथ्वी पर कोई भी कार्य सफल नहीं होता. अतएव किसी भी नए उपक्रम को आरम्भ करने के पहले गणेश जी की अभ्यर्थना की जाती है. एक और वजह गणेश जी की पूजा की यह भी है की गणेश जी की भाषा-नाद है. और आकाश में स्थित देवी देवताओं की अपनी भाषा प्रकाश-भाषा है. गणेश जी इस संसार के लोगों की नाद भाषा को देवताओं की प्रकाश-भाषा में बदल कर मनुष्यों की प्रार्थनाएँ उन तक पहुंचाते हैं.
गणेश जी संसार की दसों दिशाओं; उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, ईशान, आग्नेय, नैऋत्य,वायव्य, ऊर्ध्व और अधर, के स्वामी हैं. उनकी सहमति के बिना कोई भी दैवी शक्ति मनुष्यों को आशीर्वाद देने धरती पर नहीं आ सकती. अतएव पहले गणेश जी की अभ्यर्थना की जाती है,की वे प्रसन्न होवें और दैवी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होने दें.
माना जाता है कि दस दिनों की पूजा-अर्चना की समाप्ति पर जब उस मूर्ति को जल में निमग्न किया जाता है तब मूर्ति अपने साथ भक्तों की सारी विघ्न बाधाएं भी ले जाती है.
गणेश जी की ऋद्धि और सिद्धि दो पत्नियां और दो पुत्र शुभ और लाभ हैं. आपने देखा होगा व्यापारी लोग अपनी तिजोरियों में तथा, हिसाब-किताब की पुस्तकों में इन पुत्रों के नाम लिख रखते हैं.
………
“Shri Ganeshay Namah”
Pratham poojy Ganesh Ji ki aardhana sarvpratham kyu karna chahiye ka kaarn,itne sanchipt aur saral dhang se samajhane ke liye dhanyawaad aur pranam.🙏”Naad” bhasha aur” Prakash “bhasha bhi samjh aayi..👌👍😍
LikeLike
Dhanyawad Rajesh !
LikeLike
Om shree Ganeshaya namah !
Ganeshji ki pratham pooja , lal pushpa durva tatha kalash sthapit karne ka mahatva aapne bahut saral bhasha mein samjha diya hai.Itna gudh artha humne kabhi jana nahin tha.
Bahut bahut dhanyawad.
LikeLike